युवाओं को तकनीकी रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना सरकार की प्राथमिकता: CM Yogi
CM Yogi : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा को नवाचार और व्यावहारिक प्रशिक्षण के साथ सशक्त बनाने पर जोर दिया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की युवा शक्ति को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाना सरकार की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने आज अपने सरकारी आवास पर तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा विभागों की समीक्षा बैठक की, जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर बल
मुख्यमंत्री ने तकनीकी संस्थानों को नैक, एनबीए, और एनआईआरएफ मूल्यांकन में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया, साथ ही व्यापक तैयारी पर जोर दिया।
उन्होंने राज्य संस्थागत रैंकिंग रूपरेखा (एसआईआरएफ) के तहत निजी पॉलिटेक्निक संस्थानों को शामिल करने के निर्देश दिए ताकि सभी संस्थानों में गुणवत्ता के समान मानक सुनिश्चित हों।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय की उपलब्धियां
बैठक में बताया गया कि डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ में 2024-25 के लिए 1.64 लाख सीटों पर नामांकन हुआ।
विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप पाठ्यक्रमों में एमओओसी, चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम, और मल्टीपल एंट्री-एग्जिट जैसे नवाचार शामिल किए हैं।
सत्र 2023-24 में 12,739 छात्रों को रोजगार मिला, जिसमें अधिकतम 59.91 लाख रुपये वार्षिक वेतन रहा। इसी तरह, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर में छात्रों को 52 लाख रुपये तक के पैकेज पर प्लेसमेंट मिला।
नए इंजीनियरिंग कॉलेजों का विकास
मुख्यमंत्री ने बस्ती, गोण्डा, मीरजापुर, और प्रतापगढ़ में नवस्थापित राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों के भवन निर्माण और परिसर विकास को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए।
उन्होंने नए पाठ्यक्रम शुरू करते समय स्थानीय औद्योगिक आवश्यकताओं को प्राथमिकता देने पर बल दिया।
पॉलिटेक्निक और आईटीआई में प्रगति
प्रदेश में 2,139 पॉलिटेक्निक संस्थान संचालित हैं, जिनमें 2.68 लाख से अधिक सीटें उपलब्ध हैं। इनमें डिजिटल कक्षाएं, बायोमैट्रिक उपस्थिति, और ड्रोन टेक्नोलॉजी, साइबर सिक्योरिटी जैसे फ्रंटियर टेक्नोलॉजी पाठ्यक्रम शामिल किए गए हैं। 2017 से अब तक 39 नए राजकीय पॉलिटेक्निक स्थापित हुए और 13,000 से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया।
वहीं, 324 राजकीय और 2,982 निजी आईटीआई में आधुनिक प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं। 2024-25 में 1.25 लाख प्रशिक्षुओं को अप्रेंटिसशिप और रोजगार के अवसर मिले। प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के तहत 30,000 से अधिक छात्रों ने आवेदन किया।
उद्योगों से जुड़ाव और इंटर्नशिप पर जोर
मुख्यमंत्री ने तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा को उद्योगों से जोड़ने और प्रत्येक छात्र के लिए औद्योगिक इंटर्नशिप सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल प्रमाण-पत्र प्राप्ति का माध्यम नहीं, बल्कि व्यावहारिक और कौशलपूर्ण प्रणाली होनी चाहिए।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम
मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश की तकनीकी शिक्षा नीति की सराहना करते हुए अधिकारियों को सभी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक युवा को उसके कौशल के अनुरूप अवसर मिलना चाहिए, ताकि ‘आत्मनिर्भर भारत’ की परिकल्पना साकार हो।
सीएसआर और प्लेसमेंट डे की भूमिका
सीएसआर फंड के माध्यम से 37 जनपदों में आधुनिक कौशल प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं। मासिक प्लेसमेंट डे के आयोजन से युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिल रहा है।
पिछले पांच वर्षों में एनपीएस और सीएमएपीएस योजनाओं के तहत 2.67 लाख से अधिक अप्रेंटिस नियुक्त किए गए।