केदारनाथ में लैंडिंग के समय हेलीकॉप्टर के जमीन से टकराने का वीडियो भी सामने आया है। जिसमें दिख रहा है कि हेलीकॉप्टर हेलीपैड पर लैंड करने की जगह कुछ मीटर पहले कच्चे भाग पर ही धम्म से टकरा जाता है। जमीन पर टकराने के बाद पायलट हेलीकॉप्टर को दोबारा उड़ाने का प्रयास करता है, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिल पाती है।
ऋषिकेश एम्स से हेली एंबुलेंस ने केदारनाथ के लिए उड़ान भरी थी। जिसमें पायलट कैप्टन रविंद्र सिंह, चिकित्सक डॉ बलवंत और नर्सिंग स्टाफ मनोज कुमार सवार थे। हेली सेवा यहां सांस लेने में दिक्क्त की गंभीर बीमारी से जूझ रहे कर्नाटक निवासी मारुती को लेने पहुंचे थे।
इससे पहले कि हेलीकॉप्टर लैंड कर पाता हेलीपैड से करीब 20 से 30 मीटर पहले ही किसी तकनीकी खराबी से उसका संतुलन गड़बड़ा जाता है। वह तो एन वक्त पर पायलट ने सूझबूझ दिखाई और हेलीकॉप्टर को क्रैश होने से बचा लिया। इस हादसे में तीनों यात्री सुरक्षित हैं।
क्रैश लैंडिंग की जानकारी डीजीसीए को दे दी गई है। वहीं, युकाडा के अधिकारी भी जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। इस तरह के हादसों ने सरकारी मशीनरी की चिंता बढ़ा दी है।
उत्तराखंड में पहले भी इस तरह की दुर्घटनाएं पहले भी समाने आई हैं। अप्रैल 2023 में केस्ट्रेल एविएशन कंपनी के हेलीकॉप्टर के टेल रोटर ब्लेड से यूकाडा के अफसर की जान गई थी। अक्टूबर 2022 में केदारघाटी में गुजरात और तमिलनाडु के तीर्थ यात्रियों को ले जा रहा हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था। जिसमें 07 तीर्थ यात्रियों की मौत हो गई थी।